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बाज़ का जीवन।

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The eagle story

बाज़ एक ऐसा पक्षी है। जिस उम्र में बाकी पक्षियों के बच्चे मुंह से ठीक तरह से आवाज भी नहीं निकाल पाते हैं। उस उम्र में एक मादा बाज़ अपने बच्चों को अपने पंजों में दबोच कर हजारों फीट की ऊंचाई पर ले जाती है।
मादा बाज़ अपने बच्चों को 12 किलोमीटर तक ऊंचा लेकर उड़ जाती है। जितनी ऊंचाई पर हवाई जहाज उड़ा करते हैं।

यहां से शुरू होती है। बाज़ के नन्हे बच्चे की कठिन परीक्षा।
यह कठिन परीक्षा ही बाज़ के बच्चे को जिंदगी जीने का सही तरीका सिखाती है।
पक्षियों की दुनिया में इतनी कठिन ट्रेनिंग किसी दूसरे पक्षी की कभी नहीं होती है।
लगभग 12 किलोमीटर की उड़ान भरने के बाद काफी ऊंचाई में पहुंचकर मादा बाज़ अपने बच्चे को नीचे छोड़ देती हैं।
लगभग 2 किलोमीटर तक नीचे गिरते समय बाज़ के उस बच्चे को यह तक समझ नहीं आता कि आखिर उसके साथ हो क्या रहा है।

जब वह 7 किलोमीटर तक नीचे आ जाता है तो बाज़ के बच्चे के जकड़े हुए पंख खुलने लगते है।
9 किलोमीटर आने पर बच्चे के पंख खुल जाते हैं और वह पहली बार अपने पंखों को फड़फड़ाता है। लेकिन अभी पंख मजबूत न होने की वजह से वह उड़ नहीं पाता और अब उस बाज़ का बच्चा धरती के बिल्कुल करीब आने लगता है।

जब वह बाज का बच्चा जमीन पर लगभग गिरने ही वाला होता है। तभी मादा बाज़ उसे गिरने से पहले ही पकड़ लेती हैं। और उसे बचा लेती है।

बाज़ के बच्चे की ये ट्रेनिंग लगभग हर दिन चलती है। जब तक बाज का बच्चा उड़ना नहीं सीख जाता।
ऐसी ट्रेनिंग तो एक Commando को ही दी जाती है। लेकिन पक्षियों में यह ट्रेनिंग उस बाज़ के बच्चे को दी जाती है। जिसे यह तक पता नहीं होता कि उसके साथ आखिरकार हो क्या रहा है।
इस लगातार चलने वाली ट्रेनिंग के बाद ही दुनिया को एक बाज़ मिल पाता है।
जब इस बाज़ के बच्चे की ट्रेनिंग खत्म हो जाती है। तो उस बाज के बच्चे में इतनी ताकत आ जाती है। की वह बाज का बच्चा 10 गुना वजनी प्राणी का शिकार कर सकता है।
बाज़ कभी भी छत की मुंडेर पर नहीं उड़ते हैं वह हमेशा खुले आसमान की ऊंचाइयों में ही उड़ते हैं।

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि अगर आज जीवन में कठिनाइयां है, परिस्थितियां खराब है या किसी काम में आप लगातार फेल हो रहे हो। तो उदास मत होइए।
इस बात को ध्यान में रखते हुए आप लगातार उस काम को करते रहिए कि मुझे कुछ ना कुछ सीखने को तो मिल रहा है।

आप जितना अधिक उस काम को करोगे उतना ही उस काम को Improve कर पाओगे।
काम करते रहिए क्योंकि हीरा जितना अधिक घिसता है उससे भी ज्यादा उसमें चमक आती है।

इस कठिन परिस्थिति में भगवान भी आपको हालातों से लड़ने के लिए एक प्रकार की ट्रेनिंग दे रहे हैं। और याद रखना जिस दिन यह ट्रेनिंग पूरी हो जाएगी उस दिन आप इतने मजबूत हो जाओगी कि आपको दुनिया की कोई भी ताकत हरा नहीं पाएगी। और आप अपने फील्ड में Kamyabi के वे झंडे गाड़ दोगे जो आज तक किसी ने नहीं गाड़े होंगे।

याद रखना भगवान भले आपको कैसी भी कठिन परिस्थिति में ट्रेनिंग दे लेकिन वह आपका साथ कभी नहीं छोड़ेगा।

इस कहानी से हमें दूसरी सीख यह मिलती है। कि आप अपने काम को तब तक प्रैक्टिस करते रहिए जब तक आप उस काम में और उस फील्ड में मास्टर नहीं बन जाते। जितना हो सके उतना अपने काम को Improve कीजिए।
क्योंकि आप को सबसे बेहतर बन कर दिखाना है।

सबसे बेहतर बनने के लिए अभी से ही आप मेहनत करना शुरू कीजिए। जहां तक रास्ता दिखाई दे रहा है वहां तक जाइए। आगे का रास्ता वहां पहुंचने के बाद अपने आप मिल जाएगा।

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धन्यवाद...!
Written by Sameer Ansari