सर्कस का जोकर- एक सर्कस का जोकर जो अपनी जान को हथेली पर रखकर मौत के कुए तक में कूद जाता है।
जो दूसरों को हंसाने के लिए खुद रो देता है।
यह वही जोकर है।जो जंगल के राजा शेर तक से भी लड़ लेता है।
जो कभी चुनौती भरे काम करने से पीछे नहीं हटता सबको हंसा देता है खुद भी हंसता है लेकिन बाद में रोता भी है।
इसी जोकर की एक प्रेरणादायक कहानी आज मैं आपको सुनाने जा रहा हूं।

हेलो दोस्तों कैसे हो आप सब मेरा नाम है समीर और आप पढ़ना शुरू कर चुके हो मेरी कहानी-samstorieshindi.!

Ek joker ki kahani।

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Joker ki kahani।

एक छोटा सा गांव था। 1 दिन उस छोटे से गांव में सर्कस वाले आए।
सभी गांव वाले उत्सुक थे। सर्कस को देखने के लिए। गांव वालों ने सर्कस कभी नहीं देखा था। क्योंकि इससे पहले उनके गांव में ऐसा कोई भी सर्कस नहीं आया था।

सर्कस वाले ने रात के 9:00 बजे से सर्कस को दिखाने का प्रोग्राम बनाया।
लेकिन गांव वाले तो जल्दी ही सो जाते हैं।
इसलिए उस रात सर्कस को देखने कोई नहीं आया।
सभी परेशान हो गए, कहने लगे कि हम गलत गांव में आ गए यहां पर तो कोई देखने वाला ही नहीं है। हमारे सारे पैसे बर्बाद हो गए।

अगले दिन जब गांव वालों से पूछा गया कि तुम लोग रात को सर्कस देखने क्यों नहीं आए। तो उन्होंने बोला कि इतनी रात में कौन आएगा। आपको पता नहीं है गांव में सब जल्दी सो जाते हैं। अगर आपको यहां पर अपना ये धंधा चलाना है तो थोड़ा सुबेरे ही सो दिखाना पड़ेगा।
यह सुनकर सर्कस वालों ने कुछ सोचा और सोचने के बाद सर्कस के टाइम को रात के 9:00 बजे से बदलकर 7:00 बजे कर दिया गया।

गांव में घोषणा कर दी गई कि सर्कस अब 9:00 बजे की जगह 7:00 बजे दिखाया जाएगा।
सभी गांव वालों इस टाइम सर्कस देखने के लिए मंजूर हो गए।

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गांव के सभी लोग रात के 7:00 बजे सर्कस देखने के लिए तैयार हो गए। और जब रात हुई तो सभी सर्कस देखने के लिए एक साथ भीड़ बनाकर जाने लगे।
सर्कस देखने के लिए सभी उत्सुक थे चाहे वह किसी भी उम्र का क्यों ना हो इसमें बूढ़े, बच्चे, जवान और नौजवान सभी शामिल थे।
चारों तरफ एक उत्साह का माहौल था।

सर्कस वालों ने चारों तरफ वाइट लगा रखी थी। और सर्कस के ग्राउंड को बिल्कुल अच्छी तरह से सजाया था।
ऐसा लग रहा था कि जैसे सभी लोग मेले में जा रहे हैं।
बच्चों में उत्साह का माहौल सबसे ज्यादा था।

सर्कस वालों ने सर्कस के टिकट की फीस प्रत्येक व्यक्ति पर मात्र ₹5 रखी थी।
अधिकतर लोगों ने टिकट खरीदी और जाकर सर्कस हॉल में बैठ गए।
उनके सामने एक पिंजरे में एक शेर था। जो बहुत भूखा था। शेर की आखरी में जोकर के साथ लड़ाई होनी थी। इस लड़ाई को देखने के लिए ही अधिकतर लोगों ने टिकट खरीदी थी।
तभी अचानक से सभी लाइटें जली। और एक जोकर दर्शको के सामने प्रकट हुआ।
जोकर ने अपना करतब दिखाना शुरू किया और दर्शकों को कुछ जादू दिखाने लगा।
जोकर के इस जादू को देखकर सभी लोग खुश हो गए थे। लोगों के उत्साह को देखते हुए जोकर में और अधिक उत्साह आया। जोकर ने बहुत सी कलाकारी दिखाई।
लंबी लंबी छलांग लगाई, ऊंचाइयों पर से कूदा, हाथ छोड़कर साइकिल चलाई, आग के साथ खेला और भी बहुत सी करतबें दिखाई।
जोकर बिना सोचे समझे मौत के कुएं में कूद गया और खेल दिखाने लगा।
जैसा कि मैंने बताया था कि अंत में उसे भूखे शेर के साथ लड़ना था। तो वह समय आ चुका था।
जोकर थोड़ा सा निराश लग रहा था।
लेकिन जोकर ने हिम्मत नहीं हारी। दर्शकों ने भी उसका हौसला बढ़ाया। दर्शको के हौसले को देखते हुए जोकर उस भूखे शेर के पिंजरे में घुस गया। जो बहुत तेजी से दहाड़ रहा था।
सभी दर्शक भगवान से प्रार्थना करने लगे कि जोकर उस शेर के साथ लड़ कर विजय होकर वापस लौटे।
और अंत में जोकर ने अपनी हिम्मत दिखाई और शेर के साथ लड़ाई की और वह जीत गया।
और सभी लोग जोकर जोकर चिल्लाने लगे।
इस कहानी में जोकर ने हिम्मत नहीं हारी और अंत में जीत ही गया।

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि अगर आप अकेले हो आपका साथ कोई नहीं दे रहा है। तो चिंता मत कीजिए। आप मेहनत करते रहिए जब आप की जीत होगी तो पूरी कायनात आपका साथ देंगी। और आप उस जंग से भी जीत जाओगे जो आपको कभी लगता था यह मुझसे नहीं हो पाएगा।

अंत में बस मैं यही कहना चाहूंगा मेहनत करते रहिए सफल इंसान बनते रहिए।

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धन्यवाद....!
Written by Sameer Ansari