कैसे हैं आप सब समीर नाम है मेरा और आप पढ़ना शुरू कर चुके हैं मेरी कहानी-https://samstorieshindi.blogspot.com

      Study kyu important hai?

How much important study
How important study

साधारण भाषा में बताऊं तो Stdy हमारे लिए बहुत important है।
यदि किसी देश के नागरिक पढ़े लिखे होंगे तभी वह देश तरक्की कर पाएगा। यदि कोई बच्चा पढ़ा लिखा होगा तो उसके सोचने समझने की क्षमता दूसरे बच्चों से अधिक विकसित होगी।।
2011 की जनगणना के अनुसार 74.4 प्रतिशत जनसंख्या भारत की पढ़ी लिखी थी।
पढ़ाई हमारे लिए इसलिए भी इंपोर्टेंट है। यदि हम कहीं पर जा रहे हैं तो हमें किसी से पूछने की जरूरत नहीं होगी कि यह रास्ता कहां जाता है। हम जहां पर जाना चाहते हैं वहां की जानकारी इकट्ठी करके वहां तक पहुंच सकते हैं। लेकिन एक अनपढ़ व्यक्ति को वहां तक पहुंचने में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

एक ओर example:-

मान लो- एक गरीब लड़का है। और एक अमीर लड़का है। दोनों अच्छे दोस्त हैं। दोनों एक साथ पढ़ाई भी करते हैं। लेकिन दोनों पढ़ाई में बहुत नालायक है। अमीर लड़का गलत संगत में फंसा हुआ है। अमीर लड़के के साथ रहने की वजह से वह गरीब लड़का भी उसकी गलत संगत में आ जाता है।
1 दिन की बात है। दोनों दोस्त कहीं घूमने के लिए जाते हैं। तो गरीब लड़के के दिमाग में कुछ आता है तो मैं उसे पूछता है भाई आगे का क्या प्लान है। बड़ा होकर तू क्या बनना चाहता है। अमीर लड़का उसकीआमिर लड़का उसकी तरफ देखने लगता है और कहता है तुझे क्या हुआ आज। और सिगरेट पीने लगता है।
फिर अमीर लड़का कहता है कुछ नहीं हुआ है तू
 बता ना जो मैं पूछ रहा हूं।
तो अमीर लड़का कहता है। बस अब 12th हो जाए। उसके बाद चार पांच साल नौकरी के लिए ट्राई करूंगा। अगर नौकरी लग जाती है तो अच्छी बात है अगर नहीं लगती तो तो पापा का Office है ना।
गरीब लड़का सोच में पड़  जाता है। कि मैं क्या करूंगा?
इसके बाप का तो बिजनेस है। यह कुछ ना कुछ तो कर ही लेगा। मैं क्या करूंगा?
ना तो मेरे बाप का कोई बिजनेस है। और ना ही मेरे पास इतने पैसे हैं कि अपना कोई बिजनेस स्टार्ट कर सकूं। और पढ़ाई में भी मैं नालायक हूं। नौकरी लगेगी नहीं नौकरी के लिए  पैसे और डिग्री दोनों की जरूरत होती है। ना तो मेरे पास पैसे हैं और ना ही डिग्री।
 "तो मैं क्या करूंगा? और मेरा होगा क्या आगे चलकर?
इसलिए भी पढ़ाई बहुत जरूरी है।
"मेरा क्या होगा?"
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Main Topic!

अब बात करते हैं Main Topic की जो है।
"भीख नहीं किताब दो...!
हम कहीं भी घूमने फिरने, स्टेशन या फिर किसी भी जगह पर जाते हैं यह दूसरे शहर जाते हैं तो हमें जरूर कुछ लोग या बच्चे भीख मांगते हुए दिखाई देते हैं।
उन्हीं भीख मांगने का शौक तो नहीं है फिर भी वह भीख मांगते हैं और कहते हैं  "मजबूरी है भाई...!
लेकिन कई बड़े-बड़े शहरों में यह मजबूरी नहीं है। यह धंधा बन चुका है। आपको यूट्यूब पर ऐसी कई वीडियोस मिल जाएगी जिसमें बताया जाता है कि यह बंदा भीख मांग कर 1 दिन में इतने रुपए कमा लेता है। और उसके हाथ पैर सलामत है फिर भी भीख मांगता है। क्योंकि भीख मांगने में उसका फायदा है। अगर उसे 1 दिन में 100 व्यक्ति भी ₹10 भी देते हैं तो वह 1 दिन में ₹1000 कमा लेता है। इतना तो मजदूर भी पूरा दिन मेहनत करने के बाद नहीं कमा पाता।
इसलिए वह भीख मांगते हैं। फायदा बहुत है इनका। लेकिन हराम के पैसे ज्यादा दिन नहीं चलते हैं।
इसलिए तो लोग कहते हैं जो अपाहिज है चल फिर नहीं सकता है उसकी मदद करो।
जिसके हाथ पैर सलामत है उसको यह मदद बिल्कुल नहीं मिलनी चाहिए।
हम कई जगहों पर देखते हैं कि छोटे-छोटे बच्चे पढ़ने-लिखने की उम्र में भीख मांगते हैं। इन्हीं शौक नहीं है ऐसा करने का। पर पेट के लिए सब कुछ करना पड़ता है।
यह भी पढ़ना चाहते हैं जब भी यह उन बच्चों को देखते हैं जो पढ़ने के लिए स्कूल जाते हैं उनके माता-पिता उनसे प्यार करते हैं।
उस टाइम यह अपनी किस्मत को कोसते हैं। और कहते हैं काश मेरी भी किस्मत इतनी अच्छी होती। काश मैं भी स्कूल जा पाता। काश मैं भी पढ़ लिख कर बड़ा आदमी बन पाता। काश मैं भी अपने सारे सपने पूरे कर पाता।
लेकिन इनकी किस्मत में शायद ऐसा नहीं लिखा है।
कई शहरों में तो हम देखते हैं कि उन बच्चों को बंधक बना कर भीख मंगवाया जाता है। उनके साथ शोषण किया जाता है
ऐसा कतई नहीं होना चाहिए।
हमें उनकी मदद करनी चाहिए और हमें भी एक की जगह किताब देनी चाहिए।
क्योंकि "जब पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया"
अगर आज हमारा देश बढ़ेगा तभी गरीब लोगों को कुछ मदद हो पाएगी और देश की गरीबी भी कम हो जाएगी।
जिससे देश का विकास होगा।
इसलिए जब भी आपको कोई बच्चा भीख मांगता दिखे तो उसे
"भीख नहीं किताब दो...!
 "भीख मांग कर भी गुजारा करती थी मां
                वो मां है साहब
   बचपन में हमें ऐसे ही पाला करती थी मां.....!
                                             -SameerAnsari
धन्यवाद...!
Written by Sameer Ansari