बच्चे का जन्म।
एक घर में एक बच्चे का जन्म होने वाला होता है। यह बच्चा उनका पहला बच्चा होता है। चारों तरफ खुशी का माहौल होता है। क्यूंकि शादी के 20 साल बाद उनके घर में किसी बच्चे का जन्म होने वाला होता है।
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बच्चे का जन्म |
"PART 1"
एक पति-पत्नी होते हैं। जिनकी शादी के 20 साल बाद एक बच्चे का जन्म होने वाला होता है। चारों तरफ खुशी का माहौल होता है। क्योंकि 20 साल कम नहीं होते।
कितना इंतजार किया होगा ना उन दोनों ने इस दिन का।
अब कहानी को शुरू करते हैं।
इस कहानी में एक नौजवान डाक्टर होते हैं।जो कुछ समय पहले ही डॉक्टर बने थे।
जब उसके पति डाक्टर के पास आते हैं तो डाक्टर कुछ चिंता में होते हैं। क्योंकि डाक्टर की अपनी गर्लफ्रेंड से कुछ समय पहले ही झगड़ा हुआ था। इसलिए यह उनके लिए चिंता का विषय था। उनके पति डाक्टर को बता कर चले जाते हैं कि उनकी पत्नी को बच्चा होने वाला है तो तुम बच्चे की delivery के लिए चले आना।
डॉक्टर कुछ समय बाद उस बच्चे की delivery के लिए उनके घर पर चले जाते हैं।
"PART 2"
जब डाक्टर उसके घर पर पहुंचते हैं तो जन्म होने वाले बच्चे की दादी से मिलते हैं दादी उन्हें एक छोटे-से कमरे में लेकर जाती है। क्योंकि बच्चे के जन्म होने में अभी काफी समय बचा हुआ होता है। इसलिए डाक्टर दादी की बातें समझ जाते हैं और दादी और दाईं के साथ उस कमरे में चलें जाते हैं।
सभी बहुत चिंतित होते हैं।
कुछ समय बाद बच्चे की delivery का समय आ जाता है। डॉक्टर बच्चे की delivery के लिए बच्चे की मां के कमरे में जाते हैं।
डॉक्टर अब बच्चे की delivery का काम शुरू करते हैं। दादी और दाईं भगवान से प्रार्थना कर रही होती है।
तभी कुछ देर बाद बच्चे का जन्म होता है। बच्चे की मां बेहोश हो जाती है। बच्चा भी हिलता-डूलता नहीं है। सभी समझ जाते हैं कि बच्चा नहीं बचा। सभी निराश हो जाते हैं। लेकिन डॉक्टर निराश न होते हुए अभी भी बच्चे और मां को बचाने की कोशिश में लगे होते हैं। डॉक्टर पहले बच्चे को एक तरफ रख देते हैं। ओर पहले बच्चे की मां को बचाते हैं। डॉक्टर बच्चे की मां को इंजेक्शन देते हैं। जिससे बच्चे की मां अब खतरे से बाहर निकल जाती है। अब डॉक्टर बच्चे को बचाने के लिए बच्चे को देखते हैं तो बच्चा वहां नहीं होता है। बच्चे की मां को बचाते समय दाईं बच्चे को उठाकर दूसरे कमरे में अखबार से लपेट कर बैंड के नीचे रख देती है क्योंकि दाईं को लगता है कि बच्चा अब नहीं रहा।
जब डाक्टर दाईं से बच्चे के बारे में पूछा तो दाईं बैंड के नीचे इशारा करतीं हैं।
डॉक्टर बच्चे को बैंड के नीचे से निकालते हैं। ओर बच्चे को बचाने में अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं। डॉक्टर पागलों की तरह बच्चे को बचाने की कोशिश करते हैं।वह घण्टों तक बिना रुके कोशिश करते रहते हैं।
दादी मां और दाईं ईश्वर से प्रार्थना करतीं हैं। ओर अतः में बच्चा रोने लगता है। सब समझ जाते हैं कि बच्चा अब ठीक है। डॉक्टर की मेहनत रंग लाती है। ओर डॉक्टर कहते हैं कि "हां मैंने ये कर दिखाया मैंने बच्चे और उसकी मां दोनों को बचा लिया।"
इसलिए कहते हैं "कोशिश करते रहो एक दिन सफलता जरूर मिलेगी।"
सभी खुश हो जाते हैं। चारों तरफ खुशी का माहौल बन जाता है।
"इसलिए डॉक्टर ईश्वर का दूसरा रूप होते हैं।"
Respect our Doctors and Shoulders 💪🙏
Writeen by Sameer Ansari 🙏
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