कैसे हैं आप सब। समीर नाम है हमारा और आप पढ़ना शुरू कर चुके हैं मेरी कहानी-samstorieshindi

इस कहानी के जरिए में बताऊंगा कि जब नए किराएर आते हैं तो क्या होता है?बहुत कुछ होता है
1. प्यार होता है।.
2. व्यापार होता है।
3. लड़ाई होती है। और भी बहुत कुछ होता है।

क्या होता है जब नहीं किराएदार आते हैं?
When new neighbors come
When new neighbors come


नए किराएदार आते हैं तो माहौल में बदलाव देखने को मिलने लगता है। यह माहौल खुशी से शुरू होता है और लड़ाई झगड़ा पर खत्म होता है। एक दूसरे को गालियां देते हैं बात करना बंद कर देते हैं।
अब इस कहानी को मैं एक स्टोरी के साथ शुरू करता हूं।
Also read:-
1 दिन की बात है। शाम का समय था। मैं खेलने गया हुआ था। जब मैं खेल कर वापस आ रहा था तो मैंने देखा की हमारे घर के सामने कुछ लोग खड़े हैं और
वे  घूर-घूर कर देखे जा रहे थे हमारे घर को और कह रहे थे कि ये अच्छा है ये बुरा है। उन लोगों के बीच में एक अति सुंदर परि(लड़की) भी खड़ी थी। जो चुपचाप बस उनकी बातें सुनी जा रही थी। मैं उनके सामने से निकला और पीछे देखकर अपने कमरे में चला गया।
मैंने मम्मी से पूछा कि मम्मी ये बाहर कौन लोग खड़े हैं।
मम्मी ने बताया कि कमरा किराए पर लेने के लिए आए हैं शायद। वही पसंद कर रहे हैं।
मैंने कहा अच्छा कमरा किराए पर लेने आए हैं।
तभी मकान मालिक आए उन्होंने उन लोगों को कमरा दिखाया उनको पसंद आ गया।
अगले दिन वह अपना सारा बोरिया बिस्तर लेकर आ गए और रहने लगे।
यही से कहानी में थोड़ा ट्विस्ट आता है।
मैं अपना चक्कर चलाने की सोचने लगा। पहले दिन तो बात नहीं बनी।
लेकिन अगले दिन वह सुंदर परि आई अपनी मोटी मां के साथ।
मैंने पूछा"हां आंटी जी।
आंटी बोली"बेटा हमें तुमसे काम नहीं है। हम तो आपकी मम्मी से मिलने आए हैं।"
मैंने बोला"फिर बाहर क्यों खड़ी हो आंटी जी अंदर आइए स्वागत है आपका। हमारे इस छोटे से आशियाने में।
आंटी बोली"हां हां जिद कर रहे हैं तो आ जाते हैं वैसे हमें किसी के छोटे से आशियाने में आने का शौक नहीं है। हम बड़े घर के लोग हैं। 
मैंने बोला"ठीक है बड़ी आंटी जी।
ये सुनकर वो हंसने लगी। आंटी नहीं!उसकी लड़की।
फिर मेरी मां आई और मां उन्हें कमरे में लेकर गई।
मैं भी उनके पीछे-पीछे जाने लगा तो आंटी बोली जा तू बाहर खेलने। बेजती होगी मेरी ये यह सोचकर में खेलने चला गया।

         फिर अगली सुबह! 

मैं सुबह-सुबह जल्दी उठा और प्लांट को पानी देने लगा तो मैंने देखा की वो लड़की भी सुबह-सुबह छत पर खड़ी थी।

उसने  hyy बोला 
मैंने भी मुस्कुरा कर हेलो बोल दिया।
फिर मैंने इसारे में बोला सब कुछ ठीक है।
उसने भी  इसारे में बोला हां सब कुछ ठीक है।
मैंने थोड़ी और बात की थोड़ी देर बाद उसका भाई आ गया और उसे लेकर चला गया।
थोड़ी देर थोड़ी देर बाद उसकी मां यानि आंटी आई और बोली"थोड़ी चीनी मिलेगी चाय बनानी थी दरअसल हमारी चीनी खत्म हो गई है। शाम को हम लेकर आ जाएंगे।
मां ने चीनी दे दी।
दोपहर को फिर उसका छोटा भाई आया और बोला
 "भैया हमको ना थोड़ा चावल चाहिए मम्मी ने मंगवाया है।
मैंने कहा ठीक है लेकर आता हूं।
मैं चावल लेकर आया और उसे दे दिया वो भी चला गया।
शाम हो गई थी मैं छत पर बैठा हुआ था। मैंने देखा कि वो आ रही है मैं भी भागकर नीचे चला गया और जाकर बैठ गया। तभी वो आई और बोली"आपकी मम्मी कहां है।
मैंने कहा "क्यों।
उसने कहा  "कुछ काम है।
मैंने कहा"मुझे बताओ क्या काम है?
उसने कहा"थोड़ा तेल चाहिए था  हमारी मम्मी ना पकौड़े बना रही है।
मैंने कहा"पकोड़े सही है।
उसने कहा "आपको खानें हैं।
  तभी मम्मी की एंट्री हो जाती है।
मैं मन में ही कहता हूं खिलाओगी तो खा लेंगे।
फिर मैं मम्मी से कहता हूं मम्मी इन्हें तेल चाहिए।
मम्मी कहती है ठीक है मैं लेकर आती हूं।
वो मुस्कुराने लगी।
तो मैं भी मुस्कुराने लगा।
अभी मम्मी आती है और कहती है " ये लो बेटा तेल।
फिर वो कहती है थैंक यू आंटी और और मुस्कुराते मुस्कुराते चली जाती है।

         कुछ दिन बाद!

1 दिन की बात है। मैं सो रहा था अचानक से उसकी मम्मी आई और चिल्लाने लगी और मेरी मम्मी से झगड़ा करने लगी। बोलने लगी कि तुम ऐसे हो तुम वैसे।
हमने तुम्हारे साथ बातें करके ही गलती की हमने तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था बहुत पछताओगे तुम लोगों को छोडूंगी नहीं।तुम्हारा बेटा मुझे मोटी बोलता है उसे भी ऐसा नहीं करना चाहिए था उसे भी नहीं छोडूंगी एक दिन सबको देख लूंगी हम बड़े घर के लोग हैं हमें इज्जत पसंद है हम इज्जत से रहना चाहते हैं लेकिन तुम लोगों की वजह से ऐसा नहीं हो पाता नहीं छोडूंगी किसी को भी।
मेरी मम्मी भी कम नहीं है उसने भी बहुत सुनाया।
क्या पता क्या हुआ था उस दिन आंटी को उस दिन के बाद हमने बात करना बंद कर दिया उनसे कुछ दिन बात नहीं की।
ऐसी कुछ दिन बीत गए 1 दिन आंटी आई औ और मम्मी को मार्केट लेकर चली गई।
यह सब कुछ ठीक हो गया हम अच्छे पड़ोसी बन चुके थे दोबारा से। सब कुछ अच्छा चल रहा था लेकिन फिर 1 दिन लड़ाई कर ली आंटी ने। हमने कुछ नहीं बोला बोलने दो। पड़ोसी में तो लड़ाई होती रहती है किसी ने किसी बात को लेकर। कोई बड़ी बात नहीं है इसी तरह जिंदगी चलती रहती है।
हमें एक होकर रहना चाहिए तभी एकता बनी रहेगी।
हम एक दूसरे की मदद करते रहना चाहिए
"जिस तरह हमने की।"
रोज सुबह जल्दी उठना उसका मुस्कुराता हुआ चेहरा देखना।
दिन में कुछ ना कुछ हमारे घर से सामान लेकर जाना।
महीने में एक बार लड़ाई करना यही सब होता है। पड़ोसियों के बीच।
तो मुद्दे की बात पर आते हैं। मेरी तो अभी तक कोई कहानी बनी नहीं इसलिए इस कहानी को भी यहीं पर End करते हैं। जब आगे कहानी बनेगी तो आपको ही बताएंगे तब तक के लिए"स्वस्थ रहें मस्त रहें"।
"घर पर रहे सुरक्षित रहें।
Written by Sameer Ansari 🙏
INSTRAGRAM