डर के आगे जीत है तो डरना मत।

ये उस समय की बात है जब मैं कुछ दीनो के लिए गांव गया हुआ था।
एक रात कुछ ऐसा कि मैं समझ नहीं पाया कि मेरे साथ उस रात क्या हुआ था।
वह रात एक डरावनी काली रात थी। सभी अपने अपने घरों के दरवाजे बंद करके सो रहे थे। 
रात के करीब 12 बजे भूतों का साया गांव में प्रवेश कर चुका था।
सभी घरों के दरवाजे बंद थे।
अगर किसी के घर का दरवाजा खुला मिलता तो भूत उन्हें खा जाती थीं।
गांव के सभी लोग इस अफवाह का शिकार हो चुके थे।
ये अफवाह थी या सच्ची बात थी ये तो मुझे नहीं पता।


मैं अपने घर के छत पर सो रहा था। अचानक से मुझे लगा कि कोई मेरे सीने पर आ कर बैठ गया है।
उस समय में सांस नहीं ले पा रहा था। चिल्लाने की कोशिश तो कर रहा था लेकिन चिल्ला नहीं पा रहा था।
मैं अपने आप को उठाने की कोशिश कर रहा था। लेकिन मैं हिल-डूल ही नहीं पा रहा था।
मैं उस समय आधी नींद में चिल्ला रहा था लेकिन मेरी कोई सुनवाई ही नहीं हो रहीं थीं।
मुझे लगा कि अब मुझे कोई घत से गिरा रहा है। और तभी अचानक से मेरी नींद खुल जाती है।
मुझे डर लग रहा था मैंने टाइम देखा तो पता चला कि अभी 2 बज रहे थे।






चारों तरफ सन्नाटा था। पास मैं ही बांस का जंगल था। रात को हवा भी नहीं चल रही थी। फिर भी उस बांस के जंगल से "चर-चर" की आवाज आ रही थी। और उसके पास में ही एक घर था जिसमें से रोने की आवाज आ रही थी।
पहली बार मेरे साथ कुछ ऐसा हादसा हुआ था जिसने मुझे हिला कर रख दिया।
मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए थे। डर भी बहुत लग रहा था।



कुछ देर बाद अचानक से मुझे ऐसा लगा कि कोई मेरा नाम पूकार रहा है।
ये रात मेरे लिए बहुत डरावनी रात साबित हुई।

अगले दिन जब मैं उठा तो मुझे रात वाला हादसा याद आ रहा था। 
उसके बाद में fresh हुआ। फिर खाना खाया और फ़ोन चलाने लगा।
फोन चलाते चलाते टाइम का पत्ता ही चला कि दोपहर के 1 बज चुके हैं।

अब दोपहर के 1 बज रहे थे ‌। मैं lunch करने के लिए नीचे गया। मां ने खाना दिया फिर मैंने मां को रात में जो घटित हुआ था वो सब बताया।
 तो मां ने मुझे इसकी सच्चाई बताई।
               

                 डर मत जाना।।


मां ने बताया कि कुछ साल पहले हमारे घर के सामने वाले घर में अकेले पति-पत्नी रहते थे। दोनों में बनती नहीं थी।उसका पति उसे हर छोटी-बड़ी बातों पर मारा करता था।
वह रात भर रोया करती थी। उसका पति उसे घर में ही बंद कर के रहता था।
उससे अब ओर दर्द सहन नहीं हो पाया और एक दिन उसने अपने आप को खत्म कर दिया।
इस ख़बर ने सभी को हिला कर रख दिया था।
क्यूंकि इससे पहले अपने गांव में ऐसा कभी नहीं हुआ था।
गांव वालों ने तो उसके पति को मार मार कर गांव से भगा दिया ।
लेकिन उसकी पत्नी अभी भी रोती है चिल्लाती है। लेकिन उसकी कोई नहीं सुनता।
उसकी आत्मा हर रात को दूसरों के घरों में मदद मांगने के लिए जाती है। कहती हैं बचाओ मुझे बचाओ ।इसलिए सभी अपने घरों के दरवाजे बंद कर लेते हैं।

उसके साथ बुरा हुआ। उसकी आत्मा को अभी भी शांति नहीं मिली।   
बेचारी मां ने कहा।
मैंने कहा हां मां।
(गुस्से में) मां ने कहा कि अब से तू नीचे ही सोना।
मैंने भी हां भर दी।
मैंने कहा अब से मैं ऊपर बिल्कुल नहीं सोऊंगा।


अब रात हो चुकी थी। कल की तरह सभी घरों के दरवाजे बंद हो चुके थे।
मुझे नींद नहीं आ रही थी मुझे तो बस मां की बताई हुई बातें याद आ रही थी।
कितना ग़लत हुआ होगा ना उसके साथ जो उसने अपने आप को खत्म कर लिया।

         सोचकर देखना।

 Writeen by Sameer Ansari 🙏🏻