Jindagi me decision kaise Leena chayai?
Zindagi ke Sahi decision |
एक कहानी जिसे मैं आज आप सब को सुनाने जा रहा हूं उससे आप पूरी तरह समझ जाएंगे कि कैसे जिंदगी के फैसले लेने चाहिए?
कहानी- जब दुनिया का तेजी से विकास हो रहा था। और जंगल काटे जा रहे थे। उस समय जंगल के जानवरों को चिंता होने लगी कि भविष्य में हम सब मार दिए जाएंगे। और इसलिए सभी जानवरों ने मिलकर जंगल में एक स्कूल खोलने का फैसला किया।
इस स्कूल में सभी जानवरों को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि भविष्य में हमारा शिकार न किया जा सके।
सभी जानवरों ने मिलकर नियम बनाए की हम सभी जानवरों को तीन तरह की ट्रेनिंग देंगे।
1. उड़ने की ट्रेनिंग
2. तेज दौड़ने की ट्रेनिंग
3. तैरने की ट्रेनिंग
यह ट्रेनिंग सभी जानवरों को दी जाएगी।
अब इस कहानी में जो किरदार हैं वह हम सब हैं अक्सर लोग, मां बाप, समाज हमें यह सलाह देता है। कि यह कर लो वह कर लो यह तुम्हारे लिए ठीक रहेगा यह गलत रहेगा अच्छा रहेगा यह बुरा रहेगा और हम हमेशा उनकी बात मान लेते हैं।
की वे हमेशा सही सलाह देंगे। और हमेशा हमारी भलाई के लिए ही सोचेंगे। लेकिन भगवान ने हर किसी को एक जैसा नहीं बनाया है। हम किसी की देखा देखी दूसरों की तरह नहीं बन सकते है।
अब कहानी पर आते हैं -बदर उड़ने के प्रयास में उन सब की बात मानकर पेड़ से कूद जाता जिसे बंदर को गहरी चोट आती है। अब ट्रेनिंग के लिए बत्तख को बुलाया जाता है। और सबसे पहले उसे तैरने को कहा जाता है। बत्तख ट्रेनिंग में पास हो जाती है। फिर उससे कहा जाता है। कि अब तुझे
दौड़ने की प्रैक्टिस करनी होगी और जब बत्तख बहुत देर तक दौड़ने की कोशिश करती है तो उसके पैर से खून आने लगता है अब तो बत्तख इस हाल में भी नहीं होती कि ठीक से तैर पाए।
अब सभी जानवरों की ट्रेनिंग शुरू होती है
सबसे पहले बंदर की ट्रेनिंग हुई जिसे दौड़ने के लिए कहा गया बंदर दौड़ने की ट्रेनिंग में पास हो जाता है। फिर बंदर को उड़ने की ट्रेनिंग देने के लिए बाज को बुलाया गया बाज ने बंदर से कहा मैं जैसा कहूं वैसा ही करना उड़ना बेहद आसान है। बाज बंदर को एक ऊंचे पेड़ पर ले जाती है। और कहती है जब मैं कहूं मेरे साथ नीचे कूद जाना यह कम ऊंचाई है। अगर तू यहां से कूदकर प्रैक्टिस करेगा तो जल्दी उड़ना सीख जाएगा।
किसी की सुना सुनी या देखा देखी करके किसी के जैसे बनने के प्रयास में हम अपना खुद का ही नुकसान कर बैठते हैं।
बत्तख सिर्फ पानी में ही अपनी काबिलियत दिखा सकती है। और बंदर सिर्फ पेड़ पर बंदर कभी बतख के जैसे तैर नहीं सकता। और बत्तख कभी घोड़े के जैसे तेज दौड़ नहीं सकती अफसोस आजकल लोग सोचते हैं। कि जो ज्यादा जानता है। वह व्यक्ति ही बुद्धिमान है।लेकिन असल दुनिया में महान लोग सिर्फ अपनी फील्ड में ही होशियार होते हैं।
महान लोगों को 10 जगह पर दिमाग लगाना पसंद नहीं होता है।
की मैं यह कर लू या वह कर लू या मैं एक बार इस काम से बुद्धिमान हो जाऊं।
आप खुद से फैसले लो अपनी लाइफ के कि मुझे अपनी लाइफ में क्या करना है? क्या नहीं दूसरों की देखा देखी सुना सुनी किसी काम को मत करो।
अब डिसीजन लेने का मतलब यह नहीं कि आप कहो मुझे जुआ खेलना है, नशा करना है, सट्टा खेलना पसंद है। लेकिन मेरे घर वाले इन कामों को करने से मना करते हैं। लेकिन मैं इन्हीं कामों को करूंगा और भविष्य बनाऊंगा।
आप जो करना चाहते हो बनना चाहते हो या जो पाना चाहते हो उसका डिसीजन खुद ले । और इन सब के बारे में अपने माता पिता से भी बात जरूर करें। बेचारे बंन कर मजबूरी में कभी कोई डिसीजन ना लें।
दोस्तों आज का यूथ गलत दिशा में आगे बढ़ रहा है। लेकिन हमारा मकसद उन्हें सही रास्ता दिखाना लोग इसलिए आप इस पोस्ट को शेयर जरूर करें।
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